*सरायकेला:जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन में नई शिक्षा नीति के तहत मुखिया का दायित्व हुआ उजागर, सम्मेलन में कई हुए सम्मानित*
*दीपक कुमार दारोघा*
सरायकेला: झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा सरायकेला सामुदायिक भवन में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें नई शिक्षा नीति के तहत मुखिया का दायित्व हुआ उजागर।
इससे पहले जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा एवं मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए श्री बोदरा ने कहा कि मुखिया स्कूलों का निरीक्षण करें। अगर किसी प्रकार समस्या इंगित होती तो उसके समाधान की ओर सकारात्मक प्रयास करें। शिक्षा के क्षेत्र में पंचायत कैसे बेहतर होगा मुखिया की दायित्व होगी। पंचायत अधिन कोई बच्चा ड्रॉप आउट ना हो सुनिश्चित करें। नई शिक्षा नीति के तहत 5+3+3+4 का शैक्षणिक मॉडल बने हैं। इस दिशा में आगे बढ़ें। ड्रॉपआउट बच्चों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षा से जोड़ने की दिशा में कार्य करें।
डीडीसी श्री आशीष अग्रवाल ने कहा कि यदि कोई मुखिया चाह ले तो उनके पंचायत का विद्यालय आदर्श विद्यालय बन सकता है। उन्होंने कहा कि सभी मुखिया अपने-अपने पंचायत में 3 से 5 स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करें। इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा।
इससे पहले जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो ने कहा कि सभी मुखिया का जिम्मेदारी है। विद्यालय का सुचारू संचालन एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु मुखिया विद्यालय जरुर विजिट करें।
कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा ने कहा कि उद्देश्य है बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना। मुखिया पंचायत स्तर पर विद्यालय का भ्रमण कर संचालित गतिविधि का जानकारी लें। तथा किसी भी प्रकार की समस्या पाई जाती है तो सामूहिक प्रयास से समाधान की ओर कार्य करें।
कार्यक्रम के दौरान खरसांवा विधायक प्रतिनिधि अनूप सिंहदेव,सरायकेला विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान स्कूली शिक्षा में मुखिया के दायित्व के बारे में जानकारी दी गई। 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों का ग्राम शिक्षा रजिस्टर तैयार करना एवं प्रतिवर्ष अद्यतन करना,प्राथमिक शिक्षा बीच में छोड़ने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनका नामांकन पुनः विद्यालय में कराना, बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं का वितरण एवं मध्याह्न भोजन वितरण का पर्यवेक्षण करना, प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों (पारा शिक्षकों सहित) की नियमित उपस्थिति का अनुश्रवण करना, सहित विभिन्न बिंदुओं पर मुखियाओं को जानकारी दी गई।कार्यक्रम में कई मुखियाओं ने अपने अनुभव साझा किया, सुझाव भी दिए।
कार्यक्रम के अंत में जिला अंतर्गत मुरूप, वीरवांस, राजनगर, रपचा, कृष्णपुर, खरसांवा, चांडिल, पातकुम, आदरडीह,बडेदा, रुगुडीह, तिलोपदा, उरमाल पंचायत के मुखियाओं को शिक्षा क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
Comments
Post a Comment